अगर इस तरीके से करोगे मक्का की खेती, तो होगी जबरदस्त कमाई!, मक्का की खेती कैसे करें?

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मक्का की खेती कैसे करें?

भाई, अगर तुम मक्का की खेती करना चाहते हो तो बढ़िया फैसला लिया है! मक्का एक ऐसी फसल है, जो जल्दी तैयार होती है और अच्छा मुनाफा भी देती है। चलो, मैं तुम्हें एक दोस्त की तरह आसान भाषा में समझाता हूँ कि इसे कैसे उगाना है।

makka ki kheti

1. जलवायु और मिट्टी का चुनाव

सबसे पहले, यह जानना ज़रूरी है कि मक्का को कैसी जलवायु और मिट्टी चाहिए। मक्का गर्म जलवायु में अच्छा बढ़ता है, इसलिए इसे गर्मी वाले मौसम में बोना सही रहता है। तापमान 20-30°C के बीच हो तो बढ़िया होगा।

मिट्टी की बात करें तो दोमट या बलुई दोमट मिट्टी मक्का के लिए सबसे अच्छी होती है, जिसमें पानी निकासी की अच्छी व्यवस्था हो। अगर तुम्हारी ज़मीन थोड़ी ज्यादा चिकनी मिट्टी वाली है, तो उसमें गोबर की खाद या जैविक खाद मिलाने से वह भी सही हो जाएगी।

2. बीज का चुनाव और बुवाई का समय

अब बीज की बारी आती है। अच्छी क्वालिटी के बीज लेना ज़रूरी है। हाइब्रिड बीज या उन्नत किस्मों के बीज लोग ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि इनसे उत्पादन अच्छा होता है।

मक्का की बुवाई का सही समय इस पर निर्भर करता है कि तुम कौन-सा सीजन चुन रहे हो:

  • खरीफ सीजन (जून-जुलाई)
  • रबी सीजन (अक्टूबर-नवंबर)
  • ज़ायद सीजन (फरवरी-मार्च)

बुवाई करते समय कतारों के बीच 60-75 सेमी और पौधों के बीच 20-25 सेमी का अंतर रखना ज़रूरी है ताकि पौधों को सही से बढ़ने की जगह मिले।

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3. खाद और उर्वरक प्रबंधन

अगर अच्छी फसल चाहिए तो खाद और उर्वरक सही मात्रा में देना ज़रूरी है।

  • खेत तैयार करने से पहले गली सड़ी गोबर खाद डालो।
  • यूरिया, डीएपी और पोटाश सही मात्रा में दो, जिससे पौधों को पोषण मिले।
  • नाइट्रोजन की ज़रूरत ज्यादा होती है, इसलिए इसे तीन बार में देना सही रहेगा – एक बार बुवाई के समय, दूसरी बार जब पौधा 25-30 दिन का हो, और तीसरी बार जब उसमें फूल और दाने बनने लगें।

4. सिंचाई प्रबंधन

भाई, मक्का को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन सही समय पर सिंचाई करना ज़रूरी है।

  • पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद करो।
  • दूसरी 8-10 दिन बाद, फिर जब पौधा 30-40 दिन का हो, तो पानी देना ज़रूरी है।
  • मक्का के फूल आने और दाने बनने के समय अच्छी मात्रा में पानी चाहिए।
  • फसल पकने के समय पानी कम करो, वरना दाने खराब हो सकते हैं।

अगर ड्रिप इरिगेशन या स्प्रिंकलर सिस्टम हो तो और भी अच्छा रहेगा।

5. खरपतवार नियंत्रण और कीट प्रबंधन

खेत में अगर खरपतवार ज्यादा होंगे, तो मक्का की ग्रोथ रुक सकती है। इसलिए:

  • पहली गुड़ाई बुवाई के 15-20 दिन बाद कर लो।
  • दूसरी गुड़ाई जब पौधा 30-35 दिन का हो, तब करो।
  • रासायनिक खरपतवार नाशक (जैसे एट्राज़ीन) का इस्तेमाल भी कर सकते हो।

अगर कीटों की बात करें तो तना छेदक, फॉल आर्मी वर्म और दीमक जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। इसके लिए जैविक दवा या उचित कीटनाशक का उपयोग करो।

6. फसल कटाई और भंडारण

जब मक्का के दाने पीले और कठोर हो जाएँ और पौधा सूखने लगे, तो समझ लो कि कटाई का समय आ गया है।

  • कटाई के बाद भुट्टों को अच्छे से सुखा लो ताकि नमी कम हो जाए।
  • सुखाने के बाद दाने अलग करके साफ जगह पर स्टोर करो ताकि कीड़े न लगें।

निष्कर्ष

तो भाई, मक्का की खेती आसान है, बस थोड़ी मेहनत और सही तकनीक अपनाने की जरूरत है। अगर तुमने अच्छी मिट्टी, सही बीज, खाद, सिंचाई और कीट नियंत्रण का ध्यान रखा, तो फसल शानदार होगी और अच्छी कमाई भी होगी।

अगर कोई और सवाल हो, तो बेझिझक पूछो! Happy Farming! 😊🚜🌽

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