Bank Merged: एक और बड़े बैंक को देश में बंद कर दिया गया है और उसका विलय दूसरे बैंक में कर दिया गया है इस प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
भारत में कई नेशनल और राज्य स्तरीय बैंक कार्यरत हैं, जो हमेशा किसी न किसी दबाव में रहते हैं कई बैंक आरबीआई की गाइडलाइनों का पालन नहीं करते, जिससे उन पर कार्रवाई होती है हाल ही में एक बैंक का विलय एक नए बैंक में किया गया है ऐसे मामलों में पुराने बैंक का नाम बंद कर दिया जाता है।
आजकल सभी लोग बैंक का उपयोग करते हैं, क्योंकि जरूरत के समय लोन लेने और बचत को सुरक्षित रखने के लिए बैंक खाते में पैसे जमा करना सुविधाजनक होता है एटीएम से हम कभी भी और कहीं भी पैसे निकाल सकते हैं लेकिन अगर आपका बैंक बंद हो जाए या दूसरे बैंक में विलय हो जाए, तो आप पैसे कैसे निकालेंगे और इसके लिए क्या समाधान हो सकता है, आज हम इस पर बात करेंगे।
- नया खाता विवरण प्राप्त करें: यदि आपका बैंक दूसरे बैंक में मर्जर हो गया है, तो आपको नए बैंक की शाखा से संपर्क करके नया खाता विवरण प्राप्त करना होगा आपको नई बैंक की शाखा से एक नई पासबुक या चेकबुक मिल सकती है जिसमें आपका नया खाता नंबर होगा।
- एटीएम कार्ड अपडेट करें: विलय के बाद, आपको नए बैंक का एटीएम कार्ड प्राप्त करना पड़ सकता है पुराने एटीएम कार्ड को नए बैंक के एटीएम कार्ड से बदलने के लिए शाखा से संपर्क करें।
- ऑनलाइन बैंकिंग: नए बैंक में आपका खाता अपडेट हो जाने के बाद, आप नए बैंक की ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं इसके लिए नए बैंक की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर रजिस्टर करें।
- चेक और डेबिट कार्ड का उपयोग: मर्जर के बाद, नए बैंक द्वारा जारी किए गए चेक और डेबिट कार्ड का उपयोग करें पुराने चेक और डेबिट कार्ड तब तक उपयोग में रह सकते हैं जब तक कि बैंक आपको नए कार्ड और चेक न दे दे।
- शाखा में जाकर नकद निकासी: आप हमेशा अपनी नई शाखा में जाकर नकद निकासी कर सकते हैं अपने पहचान पत्र और खाते के दस्तावेज़ साथ ले जाना न भूलें।
- मदद के लिए कस्टमर केयर: यदि आपको कोई समस्या आती है, तो आप नए बैंक के कस्टमर केयर से संपर्क कर सकते हैं वे आपकी सभी शंकाओं और समस्याओं का समाधान करेंगे।
इस प्रकार, बैंक के विलय या बंद होने की स्थिति में भी आप आसानी से अपने पैसे निकाल सकते हैं और बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं हमेशा सुनिश्चित करें कि आपके पास बैंक के नए अपडेट और जानकारी हों ताकि आप किसी भी परेशानी से बच सकें।
आईडीएफसी बैंक, जो देश के बड़े बैंकों में से एक है, का विलय अब आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ किया जाएगा। इसके बाद आईडीएफसी बैंक नाम से कोई बैंक नहीं रहेगा। आईडीएफसी की स्थापना 1997 में हुई थी और 2014 में इसे भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त हुआ। अक्टूबर 2015 में इसे आईडीएफसी बैंक के नाम से लॉन्च किया गया था।
इस बैंक के आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में विलय के बाद, सभी ग्राहकों को आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की शाखाओं में जाना होगा आपकी वर्तमान शाखा वहीं बनी रहेगी और आपकी चेकबुक तथा अन्य सुविधाएं भी वैसी ही रहेंगी यदि आप अपनी चेकबुक या अन्य जानकारी अपडेट करना चाहते हैं, तो अपनी शाखा में जाकर ऐसा कर सकते हैं आपकी लेनदेन और बचत खाते पर इस विलय का कोई असर नहीं पड़ेगा।
इस तरह से, आप पहले की तरह ही ट्रांजैक्शन कर पाएंगे सभी चीज़ें उसी तरह से होंगी जब आप नई चीज़ें लेंगे, जैसे कि नए एटीएम को लेंगे, तो आपको आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के नाम से मिलेगा।
Bank Merged Check
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