कोरोना काल के बाद में थियेटर्स में जाने वाली जनता एक अलग तरह के कंटेंट को देखना चाह रही है तभी तो पिछले साल आई शाहरुख खान की जवान, पठान या रणबीर कपूर की ऐनिमल तीनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कलेक्शन किया फिर इस साल कलकी 2898 एडी ने भी बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया है मगर कई फ़िल्में ऐसी भी हैं जिन्हें बनाने में तो करोड़ों खर्च होते हैं मगर पिक्चर बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं चल पाती.
सोनाक्षी सिन्हा ने तोड़ा भाई लव सिन्हा से रिश्ता, क्या कहा?
ऐसी ही फिल्मों के लिए ऐक्टर्स की फीस को लेकर कई दिनों से बहस चल रही है कई मेकर्स का कहना है कि फ़िल्म का बजट ऐक्टर्स की फीस की वजह से काफी ज्यादा बढ़ जाता है अब इन सारी बहस पर करण जौहर ने भी बयान दिया है पत्रकार फे डिसूजा के यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में करण ने कहा सारी चीजें इस पर निर्भर करती है की ऑडियंस किस तरह की चीजों को पसंद करती है वो एक अलग तरह का सिनेमा चाहती है.
Kalki 2898 Ad Vs KGF 2 Box Office Comparison Day 12
यदि आपको नंबर चाहिए तो ये जरूरी है कि आपकी फ़िल्म कुछ अलग अलग आयामों पर परफॉर्म करें करण ने आगे कहा इसके साथ ही फ़िल्म को बनाने की लागत बढ़ती जा रही है महंगाई भी बढ़ती जा रही है हिंदी सिनेमा में 10 ही ऐक्टर्स ढंग के हैं वह भी सूरज चाँद और धरती की डिमांड करते हैं आप उन्हें वो सब प्रोवाइड भी करवातें हैं फिर आप फ़िल्म पर पैसे लगाते है फिर मार्केटिंग पर पैसे खर्च होते हैं और फिर आपके फ़िल्म अच्छा बिज़नेस नहीं करती.
करण ने कहा वो मूवी स्टार जो 35-35 करोड़ रूपये की फीस मांगते है वो मुश्किल से 3.5 करोड़ रूपये की ओपनिंग देते हैं ये कैसा गणित है मगर फिर भी आप कन्टेन्ट के बनाने के लिए फ़िल्म बनाते हैं साथ ही आपको अपनी ऑर्गेनाइजेशन का पेट भरना है तो बहुत सारा नाटक और ड्रामा है करण ने आगे जोड़ा हर दशक में हिंदी सिनेमा अलग तरह से काम करता रहा है अभी ये ऐसा है की अगर जवान और पठान चल गयी तो सब ऐक्शन फ़िल्में ही बनाई जानी चाहिए.
सभी उस तरह की फ़िल्में बनाने की तरफ दौड़ रहे हैं फिर इसके बीच कोई लव स्टोरी चल जाती है तो लोग उस जैसी फ़िल्में बनाने के पीछे भागने लगते हैं मुझे लगता है कि हम बिना दिमाग लगाए बस दौड़ रहे हम कन्विक्शन के मामले में बिल्कुल पीछे हो गए हैं हम ये भूल चुके हैं कि आज भी कुछ ऑडिएंस ऐसी है जो जड़ों से जुड़े इंडियन सिनेमा को देखना चाहती है खैर करोड़ रूपये पहले फिल्ममेकर नहीं है जिन्होंने ऐक्टर्स और उनकी फीस को लेकर बात की है.
इससे पहले टी सीरीज वाले भूषण कुमार ने कहा था कि ऐक्टर्स को मार्केट देखकर उस हिसाब से पैसा मांगना चाहिए वरना मेकर्स को करोड़ों का घाटा होता है इसलिए अब बतौर प्रोड्यूसर वो उन ऐक्टर्स के साथ काम ही नहीं करते जो बहुत हाई फीस की डिमांड करते है फिलहाल आपका इस खबर पर क्या कहना है हमें कमेंट में जरूर बताएं बाकी और भी ऐसी ही अपडेट्स पाने के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल और व्हाट्सएप ग्रुप को जॉइन करें.