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जानिए किस दिशा में बैठकर पढाई करना चाहिए

यदि आप यह जानना चाहते हैं कि किस दिशा में बैठकर पढ़ाई करनी चाहिए जिससे आपका मन पढ़ाई में लगे आप बेहतर तरीके से पढ़ सके और आपको याद हो सके जिससे आप परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण हो सके तो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको किस दिशा में बैठकर पढ़ाई करनी चाहिए इससे संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां प्रदान करेंगे दो आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें.

kis disha me padhna chahiye
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किस दिशा में बैठकर पढ़ाई करनी चाहिए?

वास्तुशास्त्र और हिंदू आस्था प्रणाली के अनुसार यदि आप एक विद्यार्थी हैं तो आपको यह ध्यान रखना चाहिये कि आप किस दिशा में मुँह करके पढा़ई कर रहे हैं और आपकी अध्ययन पुस्तिका किस दिशा में रखी है क्योंकि इसका असर आपके शैक्षिक जीवन पर पड़ता है वास्तुशास्त्र के हिसाब से दिशाओ में ऊर्जा निहित होती है किसी दिशा में नकारात्मक ऊर्जा होती है तो किसी में सकारात्मक ऊर्जा होती है इसलिए पढ़ाई करने से पहले आप किस दिशा में बैठे हैं इसका ध्यान जरूर रखें.

  • वैसे तो सभी दिशाएं ही शुभ होती है अगर पश्चिम दिशा में ज्यादा स्पेस न हो तो पश्चिम से दक्षिण की तरफ वाली दिवार के पास आप अपनी पाठ्यपुस्तिका रख सकते हैं.
  • स्टडीटेबल को उत्तर या पूर्व दिशा मेंरखकर पढ़ना चाहिए इससे आपके मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.
  • इसके अलावा पढ़ाई करते समय बच्चे का मुंह पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए.
  • अगर पूर्व दिशा में व्यवस्था न हो तो आप उत्तरपूर्व दिशा की तरफ मुंह करके भी पढ़ सकते हैं इससे बच्चे को चीजें आसानी से समझ में आती हैं.
  • विज्ञान के छात्र के लिए पश्चिम दिशा की ओर मुख करना सर्वोत्तम माना जाता है.
  • कानून के विद्यार्थी को पढ़ाई के समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करके रहना पढना चाहिए.
  • कला और धार्मिक क्षेत्र के छात्रों के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करना सबसे उपयुक्त माना जाता है.
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर की दिशा में बैठकर पढ़ाई करने से सरकारी नौकरी मिलने की संभावना अधिक होती है.
  • दक्षिण की तरफ मुँहकर के पढ़ाई नहीं करनी चाहिए इससे आपके मस्तिष्क में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और आपका पढ़ाई में मन नहीं लगता है
  • यदि आप शिक्षा में अच्छी प्रगति देखना चाहते हैं तो आपउत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुँह करके पढ़ाई करें जिससे आपका ध्यान केंद्रित होगा और चीजें जल्दी समझ में आएंगी.
  • वास्तुसास्त्र के हिसाब से पश्चिम दिशा की ओर मुँह करके पढ़ाई करने से विद्यार्थी के अंदर आलस्य और थकान उत्पन्न होता है इसीलिए पश्चिम दिशा की ओर मुँह करके पढ़ाई नहीं करनी चाहिए.

रात को कितने बजे तक पढ़ना चाहिए

यदि आप अपने सोने और उठने का समय निर्धारित कर लेंगे और एक अच्छी नींद लेंगे तो आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सही रहेगा जिसके कारण आपका पढ़ाई में भी मन लगेगा और अन्य काम भी हो पाएंगे इसलिए अपने समय का प्रबंधन करके आप अपनी पढ़ाई का समय निर्धारित कर सकते है.

यदि आप अभी छोटी कक्षा में है यानी 8वीं तक की कक्षा में अध्ययनरत हैं तो आप रात में लगभग 11-12 बजे तक पढ़ाई कर सकते हैं इससे ज्यादा रात तक जागने से आपके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

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इसके अलावा यदि आप 10वीं कक्षा या फिर उससे उच्च कक्षा में अध्ययनरत है तो आप रात में 1-2 बजे तक पढ़ाई कर सकते हैं जिससे आपको अपना सिलेबस कंप्लीट करने में आसानी होगी किंतु इससे ज्यादा देर रात तक पढ़ाई करने से आपका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होगा इसलिए निर्धारित समय पर सोए और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें 1 दिन में कम से कम 8 घंटे की नींद अवश्य लें.

यदि विद्यार्थी का मन रात में पढ़ाई में लगता है तो विद्यार्थियों को रात में पढ़ाई करना चाहिए और यदि विद्यार्थी कामन दिन में पढ़ाई में लगता है तो उसे दिन में पढ़ाई करनी चाहिए क्योंकि जब आपका मन पढ़ाई में केंद्रित होगा तभी आपको चीजें समझ में आएंगी विद्यार्थी अपनी रुचि अनुसार पढ़ने का समय निर्धारित कर सकते हैं किंतु जब भी पढ़ाई करें पूरे मन के साथ, ध्यान केंद्रित करके पढ़ें जिससे आपको चीजें जल्दी समझ आएंगी और आप एक अच्छे विद्यार्थी बन सकेंगे.

विद्यार्थी को कितने घंटे पढ़ना चाहिए

विद्यार्थी जीवन में शिक्षा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है यदि आप एक विद्यार्थी है और पढ़ाई करते हैं तोआपको सबसे पहले अपने टाइम को मैनेज करना होगा जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत ही आवश्यक है पढाई करने के लिए आपको अपने प्रतिदिन के समय का प्रबंधन करना होगा आप किसी दिन ज्यादा या किसी दिन कम पढ़कर अच्छे से पढ़ाई नहीं कर सकेंगे.

बेहतर तरीके से पढ़ाई करने के लिये आप प्रतिदिन समय 6-7 घंटे पढ़ सकते हैं पढ़ाई के लिए कम से कम इतना समय तो आपको देना ही होगा अच्छे तरीके से पढ़ाई करने के लिए आप अपने सिलेबसको छोटे छोटे भागों में विभाजित करके उसे पढ़ने के लिए निर्धारित समय निश्चित कर सकते हैं उतने समय में फिर आपको उसे कंप्लीट करना होगा साथ ही मॉक टेस्ट भी करते रहना चाहिए इससे आपके अनुभव में वृद्धि होती है.

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टॉपर विद्यार्थी लगभग 24 घंटे में 8-10 घंटे की पढ़ाई करते हैं जिससे उनकी नींद भी पूरी होती है और उनका सिलेबस भी कंप्लीट हो जाता है क्योंकि आराम करना भी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है.

पढ़ाई करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • अपने सभी कार्य समाप्त करके निश्चित समय का चुनाव करके पढ़ना चाहिए.
  • विद्यार्थियों को टाइम मैनेजमेंट करना चाहिए और अपनी रुचि के अनुसार पढ़ाई करनी चाहिए.
  • शोर-शराबे वाले स्थान से दूर कहीं एकान्त में पढ़ने की कोशिश करें.
  • मन को शांत रखें एकाग्र मन के साथ पढ़ाई करना शुरू करें.
  • अपने सिलेबस को छोटे छोटे भागो में विभाजित करके उसके लिए समय का निर्धारण कर के पूर्ण करने की कोशिश करें.
  • पढ़ाई के दौरान थोड़ी थोड़ी देर में पानी पीते रहें.
  • कुछ समय पढ़ाई करने के बाद छोटा सा ब्रेक ले लें इससे आपको उलझन नहीं होगा.
  • सात्विक भोजन करें, व्यायाम करें, और अपनी नींद पर्याप्त मात्रा में पूरी करें जिससे आपका मन और स्वास्थ्य दोनों अच्छा रहेगा तो पढ़ाई में मन लगेगा.
  • स्वयं प्रश्न पूछकर स्वयं ही जवाब देने का प्रयास करें इस तरह आप अकेले ही अपने सिलेबस को याद कर सकेंगे.

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कितने बजे से कितने बजे तक पढ़ना चाहिए

यदि आप विद्यार्थी हैं तो आप अपनी सुविधा के हिसाब से पढ़ाई के लिए समय का प्रबंधन कर सकते हैं किंतु यदि आप जानना चाहते हैं कि मनुष्य का मस्तिष्क ज्यादातर किस समय काम करता है तो हम आपको बता दें कि सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक और फिर शाम को 4:00 बजे से लेकर 10:00 बजे बीच ज़्यादा काम करता है तो आप इस समय पढ़ाई करके अच्छा रिज़ल्ट प्राप्त कर सकते हैंइसके अलावा विद्यार्थियों पर निर्भर करता है कि उनका मन कितने समय ज्यादा पढ़ाई में लगता है.

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